चेन्नई । तमिलनाडु के तुतिकोरिन में पुलिसिया बर्बरता की वजह से जान गंवाने वाले बाप-बेटे जयराज और बेनिक्स का मामला पूरे देश में सुर्खियां बन गया है। इस मामले का सबसे भयावह पक्ष ये है कि पुलिस ने हिरासत के दौरान अपनी बर्बरता छुपाने के लिए कोर्ट से न्यायिक हिरासत की मांग की थी। रिमांड ऑर्डर सत्तनकुलम के मजिस्ट्रेट द्वारा दिया गया था। अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या न्यायिक हिरासत से पहले जयराज और बेनिक्स का मेडिकल परीक्षण किया गया था?
पहले ही तैयार करवा ली गई मेडिकल रिपोर्ट!
ऐसे सवाल भी उठ रहे हैं कि मजिस्ट्रेट के सामने जयराज और बेनिक्स की पेशी के पहले ही मेडिकल रिपोर्ट तैयार करवा ली गई थी। सवाल ये भी है कि क्या कोविलपट्टी जेल के जेलर ने दोनों नए कैदियों को जेल के भीतर लाने से पहले घावों की जांच की थी? न्यूज़18 ने जयराज और बेनिक्स को थाने में प्रताड़ित किए जाने से लेकर उनकी मौत तक के समय के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की है।
दरअसल जयराज और बेनिक्स को बीते 19 जून को पुलिस ने तय समय से ज्यादा वक्त तक दुकान खोलने की वजह से गिरफ्तार किया था। दोनों की मौत चार दिन बाद हो गई थी। दोनों बाप-बेटे की तुतिकोरिन में एक मोबाइल की दुकान है। परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने जयराज और बेनिक्स के साथ बेहद बर्बरता की।
जेल के डॉक्टर हुए शॉक
जब कोविलपट्टी जेल में जयराज और बेनिक्स का मेडिकल परीक्षण किया गया तभी डॉक्टर घाव देखकर शाक हो गए थे। दोनों की पीठ पर पिटाई के गंभीर प्रमाण मौजूद थे। बेनिक्स का घुटना बुरी तरह सूजा हुआ था। मेडिकल परीक्षण करने वाले डॉक्टर ने पुलिस द्वारा दिए गए मेडिकल सर्टिफिकेट से भी मिलान किया था। सरकारी अस्पताल में बनी इस रिपोर्ट में कहा गया था जयराज और बेनिक्स को ये चोट गिरने की वजह से लगी लगी है। शरीर में घिसटने के निशान हैं। इस बात को जेल में मेडिकल परीक्षण करने वाले डॉक्टर मानने को तैयार नहीं थे।
मधुमेह और बीपी की जांच
जेलों में मेडिकल परीक्षण के दौरान मधुमेह और बीपी की जांच विशेष रूप से की जाती है। जांच के दौरान डॉक्टरों पाया कि जयराज का डायबिटीज बढ़ा हुआ है और बेनिक्स का बीपी बढ़ा है। डॉक्टर ने जयराज की जांच के बाद उन्हें दवाएं दीं। और जेल प्रशासन से उन्हें अस्पताल में दिखाने को कहा।
घाव और मेंटल ट्रॉमा दोनों से जूझ रहे थे जयराज और बेनिक्स
दोनों के मेंटल ट्रॉमा पर उतना ध्यान नहीं दिया जा सका। पुलिसिया बर्बरता के शिकार जयराज और बेनिक्स जितने घायल थे उससे कहीं ज्यादा डरे हुए थे। बाद में दोनों की ही हालत बिगड़ती चली गई और दोनों की जान चली गई।
पूरे देश में हो रही चर्चा
गौरतलब है कि पुलिसिया बर्बरता के शिकार हुए जयराज और बेनिक्स का मामला पूरे देश में चर्चा में आ गया है। मामले में जांच की मांग की जा रही है। पुलिस पर हिरासत में पिता और बेटे को बर्बर यातना देने के संगीन आरोप हैं। राहुल गांधी ने लिखा है- पुलिस की बर्बरता एक भयानक अपराध है। यह एक त्रासदी है जब हमारे रक्षक ही उत्पीड़क बन जाते हैं। वहीं कनिमोझी ने भी इसे लेकर खत लिखा है। डीएमके अध्यक्ष स्टालिन ने भी इसे लेकर गुस्सा जाहिर किया है।
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अपना किमती समय देने के लिये
धन्यवाद