बेमेतरा, 06 दिसम्बर 2020| प्रदेश पुलिस महानिदेशक डीएम.अवस्थी के कानून व्यवस्था एवं अपराध में नियंत्रण हेतु सख्त हिदायत व दिशानिर्देश के बावजूद ज़िला बेमेतरा के बेरला अनुविभागीय पुलिस प्रशासन क्षेत्र विगत कुछ लम्बे अरसे से अवैध कारोबारियों व असामाजिक तत्वों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है।बेरला एसडीओपी क्षेत्र में पुलिस प्रशासन के नाक नीचे कई प्रतिबन्धित व मादक पदार्थों की लगातार तस्करी खुलेआम होती जा रही है।वही अपराधों की दर में भी लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।जो शासन-प्रशासन के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो रहा है।ज्ञात हो कि बेरला पुलिस अनुविभाग प्रदेश गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू एवं दिग्गज केबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे जी का गृहक्षेत्र है।लिहाजा क्षेत्र में इस तरह का घटनाक्रम व बढावा चिंता का विषय है।
चूंकि उल्लेखनीय है, कि बेरला पुलिस अनुविभाग क्षेत्र में लगातार अवैध शराब, गांजा, पशुओं, मादक पदार्थ, नशीली दवाई, ज्वलनशील सामानों, बेशकीमती व शासकीय वनों एवं लकड़ी सहित कबाड़ के नाम पर लोहे व धातुओं की तस्करी हो रही है। इसके अलावा बड़े स्तर पर जुआं- सट्टा का कारोबार भी शामिल है।सूत्रों की माने तो इस गोरखधंधे के खेल व संरक्षण के पीछे कई बड़े प्रभावशाली हस्तियों के साथ जिम्मेदार अफसरों का भी हाथ हो सकता है।जिसके फलस्वरूप आम लोगों में यह धारणा भी बन रही है, कि चंद पैसों व पद की आड़ में गलत धंधो को बढ़ावा प्रदान कर समाज को दूषित किया जा रहा है। जिसमें पुलिस बेरला अनुविभाग क्षेत्र में यह स्थिति शासन-प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा कर छवि भी खराब कर रहा है।आमलोगों को इसका काफी असर देखने को भी मिल रहा है।
अनुविगीय बेरला पुलिस की सक्रियता पर भी प्रश्नचिन्ह
वर्तमान में बेरला अनुविभाग के अंतर्गत साजा व बेरला विकासखंड के ज्यादातर गाँवो में लगातार खुलेआम कच्ची, महुआ सहित एमपी की शराब खप रही है।वही गांजे का कारोबार भी चरम पर है।इसके अलावा सट्टा व कई तरह की संदिग्ध गतिविधियां भी आमजनों को सोचने पर विवश कर रहा है।पशुओ की तस्करी के मामले में जहां रातोरात गाय की तस्करी की सुर्खियां मिलती है। वही प्रतिदिन सुबह सुअरों को मुख्य मार्ग से होते हुए नागपुर से बिलासपुर भेजा जा रहा है।प्रतिबन्धित कबाड़, मादक पदार्थ सहित नशीली दवाई पर भी कार्यवाही न कर पाना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।वनों की तस्करी की भी सबसे ज्यादा मामले बेरला पुलिस अनुविभाग क्षेत्र में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है।जिसमे हरेभरे व कीमती पेड़ो पर अंधाधुंध कुल्हाड़ी चलाकर पर्यावरण को बर्बाद कर रहे है।परिणामस्वरूप अपराधो में काफी तेजी देखी जा रही है।दिन-प्रतिदिन क्षेत्र से चोरी, लूट, डकैती, गुंडागर्दी, साजिश, छेड़छाड़, मारपीट, बलात्कार, हत्या, सामुहिक अपराध जैसे दर्जनो मामले एसडीओपी प्रशासन में पहुंच रहे है।जो वाकई में जिला पुलिस प्रशासन को सख्त कदम उठाने व कड़ी कार्यवाही करने को मजबूर कर रहा है।
विदित हो कि इससे पूर्व एसडीओपी कार्यालय में जिम्मेदारों द्वारा अनुशासनहीनता को लेकर खबर का प्रकाशन हुआ था।जिसमे पश्चात खबर का असर यह हुआ कि अगले ही दिन से तत्काल शासकीय कार्यालयीन समय पर कार्यालय खुलते देखे गए।जिसकी खूब चर्चा भी हुई थी।अब आगामी दिनों में देखने वाली बात यह रहेगी कि क्षेत्र में लम्बे अरसे से पनप रहे गैरकानूनी गोरखधंधे पर लगाम लगेगी या नही।साथ ही अनुविभाग क्षेत्र में कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण की स्थिति शासन-प्रशासन के प्रति आमजनता को साकारात्कता की दिशा में ले जाएगी।
इस दौरान बेरला अनुविभागीय पुलिस अधिकारी(एसडीओपी) ममता देवांगन से दूरभाष के माध्यम से बात की गई तो उन्होंने कार्यक्षेत्र में पड़ने वाले गाँवो अपराधिक गतिविधियों की खुफिया सूचना मिलने पर लगातार कार्यवाही का होने का ज़िक्र किया।साथ ही भविष्य में ऐसी जानकारी मिलने कार्यवाही का भरोसा दिलाया।
प्रदेश गृहमंत्री व डीजीपी द्वारा पुलिस प्रशासन को दिए दिशानिर्देश
चूंकि विदित हो कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाये व अपराध में नियंत्रण रखने प्रदेश गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू एवं पुलिस महानिदेशक-डीएम अवस्थी द्वारा इस सम्बन्ध में पुलिस प्रशासन को सख्त हिदायत व निर्देश दी है।जिसके तहत किसी थाना अथवा चौकी क्षेत्र में अवैध कारोबार की शिकायत मिलती है, तो तत्काल जांच उपरांत सम्बन्धित टीआई को निलम्बित किया जाएगा।इसके अलावा इस पर सम्बन्धित ज़िला पुलिस अधीक्षक(एसपी) को जिम्मेदार मानकर जवाब तलब किया जाएगा।जिसके बावजूद भी अगर पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे अवांछनीय धन्धा पनपता है तो यह कागजी आदेश साबित हो सकता है।हालाँकि वर्तमान मे ज़िले में कई त्वरित कार्यवाही से आमजनता में विश्वसनीयता काफी बढ़ी है।
"इस सम्बंध में अगर कोई शिकायत अथवा जानकारी मिलती है, सम्भागीय पुलिस प्रशासन की ओर से त्वरित जांच कर जिम्मेदार पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।जिम्मेदार अफसर भी इसमें संलिप्त होंगे तो उनपर भी कार्यवाही होगी।"
विवेकानंद सिन्हा (पुलिस महानिरीक्षक/कमिश्नर दुर्ग रेंज)
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