रायपुर, कुनाल राठी, 10 मई 2020। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक रहे अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ करोड़ों रूपए की अनियमितता के मामले में एफआईआर दर्ज किया है. 2019 में राज्य शासन ने पाठ्यपुस्तक निगम से चतुर्वेदी की प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए उनकी सेवाएं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को लौटा दी थी. इस निर्णय के विरूद्ध उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था. टेंडर में हुई अनियमितता की शिकायत के बीच जांच का जिम्मा एसीबी-ईओडब्ल्यू को सौंपा गया था.
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि पाठ्यपुस्तक निगम में महाप्रबंधक रहते हुए अशोक चतुर्वेदी ने टेंडर जारी करने में साजिश कर आर्थिक अनियमितता की है. होम इंटरप्राइजेस को टेंडर देने के लिए अन्य फर्मों के नाम से झूठी निविदाएं डाली गई. ईओडब्ल्यू का कहना है कि दस्तावेजों के परीक्षण में यह तथ्य उजागर हुआ है कि टेंडर के लिए फर्मों की ओर से लगाए गए दस्तावेजों में जालसाली की गई. इन फर्मों की ओर से लगाए गए बैंक ड्राफ्ट भी होम इंटरप्राइजेस के कर्मचारी के नाम से बनवाया गया था.यह भी पढ़ें - अपने गंतव्य की ओर रवाना होने वाले मजदूरों/श्रमिकों को सूखा नाश्ता/पानी देने के लिए निगम ने बनाया श्रमिक सहायता केंद्र
ईओडब्ल्यू का कहना है कि अन्य फर्मों की ओर से किसी तरह का टेंडर भरा ही नहीं गया था. होम इंटरप्राइजेस की दर को न्यूनतम दर घोषित करने के लिए टेंडर कमेटी ने यह पूरी साजिश रची थी. कमेटी ने होप इंटरप्राइजेस को छह करोड़ से अधिक का काम दे दिया.
source - tcp24
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