नई दिल्ली : कोरोना संकट ने अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा को भी खासा प्रभावित किया है… कोरोना के कहर से देश की पूरा शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है… देश में स्कूल-कॉलेज कब से खुलेंगे इसकी तारीख सरकार के पास भी नहीं है… वहीं दूसरी ओर अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षा को लेकर संशय बरकरार है,,, हालांकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) इन परिक्षाओं को अनिवार्य रूप से कराना चाहती तो है… लेकिन छात्र इसके विरोध में हैं।
14 अगस्त को अगली सुनवाई
गौरतलब है कि एग्जाम को लेकर जारी UGC के सर्कुलर के खिलाफ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है… फाइनल ईयर या सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के बाद मामले को 14 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है…
आज हुई सुनवाई के दौरान UGC और सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ही एकमात्र बॉडी है जो कि डिग्री से सम्बन्धित नियमों को बना सकता है… और राज्य इन नियमों में संशोधन नहीं कर सकते हैं… साथ ही, परीक्षाओं का आयोजित न किया जाना स्वयं छात्रों के ही हित में नहीं है…
UGC के सर्कुलर को चुनौती
बता दें कि देश भर के केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से कराए जाने के UGC के सर्कुलर को चुनौती देनी वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज, 10 अगस्त 2020 को सुनवाई होनी थी..
UGC ने 6 जुलाई को जारी अपने सर्कुलर में युनिवर्सिटीज की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को 30 सितंबर 2020 तक आयोजित कर लेने के निर्देश दिए थे… सर्कुलर में परीक्षाओं को ऑनलाइन या ऑफलाइन या दोनो ही माध्यमों में संयुक्त रूप से आयोजित करने के निर्देश UGC ने दिए थे… इसी सर्कुलर को देश भर के अलग-अलग विश्वविद्यालयों को 31 छात्रों ने मिलकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी…
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अपना किमती समय देने के लिये
धन्यवाद