तेलंगाना के हनुमाकोंडा जिले के मुचेरला गांव में नेत्रदान को लेकर एक प्रेरणादायक पहल देखने को मिली है। जहां आमतौर पर लोग व्यक्तिगत स्तर पर नेत्रदान का निर्णय लेते हैं, वहीं इस गांव के 500 से अधिक ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने का संकल्प लिया है। इस पहल के तहत अब तक 70 से अधिक ग्रामीण अपनी आंखें दान कर दूसरों की दुनिया रोशन कर चुके हैं।
कैसे मिली प्रेरणा?
इस आंदोलन की शुरुआत गांव के निवासी और सिंचाई विभाग में कार्यरत डिवीजनल इंजीनियर मंडला रविंदर ने की। करीब 10 साल पहले उन्होंने अपनी मां की आंखें दान करने का फैसला लिया, और फिर 2019 में अपने पिता के अंगदान का संकल्प लिया। उनका मानना है कि मृत्यु के बाद अंगों को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए, बल्कि जरूरतमंदों के लिए उपयोग में लाना चाहिए।
गांववालों की भागीदारी
रविंदर की प्रेरणा से गांव में नेत्रदान को लेकर जागरूकता बढ़ी और धीरे-धीरे सैकड़ों ग्रामीण इस अभियान से जुड़ गए। अब यदि गांव में किसी की मृत्यु होती है, तो परिवार तुरंत रविंदर को सूचित करता है, जो फिर डॉक्टरों से संपर्क कर आवश्यक प्रक्रिया पूरी कराते हैं।
गांव के ही निवासी मल्ला रेड्डी कहते हैं, “हमारे लिए रविंदर सर एक मार्गदर्शक की तरह हैं। उनकी पहल से गांव में नेत्रदान एक परंपरा बन गई है।”
प्रेरणा बनी मिसाल, आसपास के गांवों में भी बढ़ा प्रभाव
मुचेरला गांव की यह पहल अब अन्य गांवों में भी प्रेरणा का स्रोत बन रही है। कम से कम 20 अन्य ग्रामीणों ने भी एल.वी. प्रसाद नेत्र संस्थान को अपनी आंखें दान करने का संकल्प लिया है।
गांव की एक अन्य निवासी बी. सुजाता कहती हैं, “हमने अपनी मां की आंखें दान कीं और इससे समाज में दृष्टिहीनता को कम करने में योगदान देने का गर्व महसूस होता है। हमारा गांव अंगदान के लिए एक मॉडल ग्राम बन गया है।”
स्वास्थ्य शिविरों और जागरूकता अभियानों से बढ़ रही पहल
मुचेरला गांव में नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है, जहां मेडिकल विशेषज्ञ नेत्रदान और अंगदान के महत्व पर जागरूकता फैलाते हैं। इसके अलावा, दान करने का संकल्प लेने वालों का एक विस्तृत रिकॉर्ड रखा जाता है, जिससे जरूरत पड़ने पर हनुमाकोंडा जिले के अस्पतालों के साथ त्वरित समन्वय किया जा सके।
मुचेरला गांव का यह कदम समाज के लिए नेत्रदान और अंगदान को लेकर एक नई राह दिखा रहा है, जिससे हजारों लोगों की जिंदगी रोशन होने की उम्मीद बढ़ गई है।
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