2 जून 2025: भारतीय शेयर बाजार की प्रमुख हलचलें और विश्लेषण

2 June 2025: Major movements and analysis of Indian stock market
📅 2 जून 2025: भारतीय शेयर बाजार की प्रमुख हलचलें और विश्लेषण

2 जून 2025 को भारतीय शेयर बाजार में व्यापक उतार-चढ़ाव का माहौल देखा गया, जो वैश्विक व्यापार तनावों, घरेलू आर्थिक संकेतों और आगामी नीतिगत घटनाक्रमों से प्रभावित रहा। प्रमुख इंडेक्सों में गिरावट देखने को मिली, लेकिन मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने निवेशकों को थोड़ी राहत दी।


📉 मुख्य सूचकांकों की चाल

सूचकांक बंद स्तर बदलाव (%)
BSE सेंसेक्स 80,865.54 🔻 0.72%
NSE निफ्टी 50 24,588.50 🔻 0.65%

दिन की शुरुआत में सेंसेक्स ने 500 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ नकारात्मक संकेत दिए। यह गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ दोगुना करने की घोषणा से उत्पन्न वैश्विक व्यापार तनावों के कारण हुई। (Business Standard)


📊 सेक्टोरल प्रदर्शन पर नजर

सेक्टर प्रदर्शन
आईटी 🔻 1.0%
मेटल 🔻 0.7%
मिडकैप 🔺 0.4%
स्मॉलकैप 🔺 0.4%

टैरिफ की आशंका से निर्यात-आधारित आईटी और मेटल सेक्टर पर नकारात्मक असर पड़ा। वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में तेजी से यह संकेत मिलता है कि निवेशक फिलहाल छोटे कंपनियों में अवसर देख रहे हैं।


📈 बढ़त और गिरावट वाले प्रमुख शेयर

🔻 टॉप लूजर्स

  • HDFC Bank – 1.5% की गिरावट

  • Reliance Industries – 1.5% की गिरावट

  • ICICI Bank – 0.8% की गिरावट

  • Mphasis – 3.1% की गिरावट (FedEx क्लाइंट लॉस की रिपोर्ट के चलते)

  • Niva Bupa Health Insurance – 11% की गिरावट (ब्लॉक डील के कारण)

  • Schloss Bangalore – 6.7% की गिरावट (IPO लिस्टिंग के पहले दिन)

🔺 टॉप गेनर्स

  • Apollo Hospitals – 2.5% की बढ़त (मजबूत तिमाही नतीजे)

  • AstraZeneca Pharma India – 8.7% की बढ़त (लाभ में तेज वृद्धि)
    (Reuters)


🔮 आगामी सप्ताह: किन संकेतकों पर नजर होनी चाहिए?

आने वाले सप्ताह में कुछ प्रमुख घटनाएं बाजार की दिशा तय कर सकती हैं:

  1. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति बैठक
    निवेशक नीतिगत दरों पर फैसले और मौद्रिक दृष्टिकोण को लेकर सतर्क रहेंगे।

  2. ऑटोमोबाइल बिक्री के आंकड़े (मई 2025)
    ऑटो सेक्टर में उपभोक्ता मांग की स्थिति इन आंकड़ों से स्पष्ट होगी।

  3. FII प्रवाह
    विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) यदि सकारात्मक रुख अपनाते हैं तो बाजार में स्थिरता आ सकती है।

  4. अमेरिका की व्यापार नीति और वैश्विक संकेतक
    विशेष रूप से टैरिफ से जुड़ी घोषणाएं और आर्थिक डेटा बाजार भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
    (Mint)


✍️ निष्कर्ष

2 जून 2025 का दिन निवेशकों के लिए चेतावनी और अवसर, दोनों लेकर आया। जहां टैरिफ के कारण प्रमुख इंडेक्सों में कमजोरी देखी गई, वहीं मिडकैप और कुछ सेक्टर-विशिष्ट शेयरों में खरीदारी ने यह दिखाया कि बाजार में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है।

अगर आप किसी खास सेक्टर, स्टॉक या निवेश रणनीति पर विश्लेषण चाहते हैं, तो हमसे जरूर साझा करें – हम आपके लिए विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाएंगे।


📚 सूत्र: Reuters, Moneycontrol Hindi, Business Standard, Mint



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