लॉकडाउन में इलाज की आश लेकर आई युवती, डॉक्टर ने नशे का इंजेक्शन लगा किया रेप

कोरोना वायरस (Corona Virus) ने एक महामारी बन पुरे देश की हालत खराब कर रखी हैं. कोविड-19 के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते ही चले जा रहे हैं. स्थिति को कंट्रोल में रखने के लिए देशभर में लॉकडाउन भी लगाया गया हैं. हमारे डॉक्टर्स कोरोना वॉरियर बनकर मरीजों को ठीक करने में लगे हुए हैं. कोरोना मरीजों का इलाज करते करते कई बार ये भी संक्रमित हो जाते हैं. ऐसे में एक तरह से डॉक्टर्स अपनी जान हथेली पर रख मरीजों को ठीक कर रहे हैं. यही वजह हैं कि हम डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा देते हैं. हालाँकि कुछ गिनी चुने डॉक्टर्स ऐसे भी होते हैं जो डॉक्टर शब्द का अपमान कर देते हैं. ये मरीज की मजबूरी का नाजायज फायदा उठाते हैं. अब ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में देखने को मिला हैं।

इंदौर शहर के मानवता नगर इलाके में एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया हैं. इंदौर शहर पहले ही कोरोना के कहर से परेशान हैं, ऊपर से मानवता नगर इलाके में एक निजी क्लिनिक चलाने वाले डॉक्टर नागेंद्र ने बहुत ही गंदी हरकत कर दी हैं. दरअसल डॉक्टर नागेंद्र के क्लिनिक पर एक युवती अपना इलाज करवाने आई थी. युवती का आरोप हैं कि डॉक्टर ने पहले उसे नशे का इंजेक्शन लगाया और फिर उसके साथ रेप किया.

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बेहोशी की हालत में हुआ था दुष्कर्म

इंदौर कनड़िया टीआई आरडी कानवा ने मीडिया को बताया कि युवती की दो दिनों से तबियत खराब थी. इसलिए वो इलाज करवाने मानवता नगर में डॉ नागेंद्र के क्लिनिक पर गई थी. यहाँ इलाज के नाम पर डॉक्टर ने युवती को एक इंजेक्शन दिया था जिससे वो बेहोश हो गई. जब युवती को होश में आया तो उसे डॉक्टर की गंदी हरकत मालूम पड़ी. इसके बाद युवती अपने घर गई और परिवार के सदस्यों को आपबीती सुनाई. इसके बाद बीते मंगलवार युवती और उसके परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई. पुलिस ने विभिन्न धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया और डॉ नागेंद्र को हिरासत में ले लिया।

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लॉकडाउन में कैसे खुला था निजी क्लिनिक

इंदौर शहर रेड जोन में आता हैं इसलिए यहाँ लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो रहा हैं. किसी भी डॉक्टर को अपना निजी क्लिनिक खोलने की परमिशन नहीं हैं. ऐसे में सवाल ये उठता हैं कि डॉ नागेंद्र अपना निजी क्लिनिक खोल लोगों का इलाज क्यों कर रहे थे. बताते चले कि इंदौर में दो डॉक्टर कोरोना की वजह से मर चुके हैं. ये दोनों अपना निजी क्लिनिक चलाते थे. इन दोनों ने जिन मरीजों का इलाज किया था वो लोग भी संक्रमित हो गए थे. इसलिए इंदौर में निजी क्लिनिक चलाने पर पाबंदी लगा दी गई थी. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल कर रही हैं।

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