तीन भारतीय कंपनियों को नासा से वेंटिलेटर मैन्युफैक्चरिंग का लाइसेंस मिला

नई दिल्ली। तीन भारतीय कंपनियों को अमेरिका के राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) से कोविड-19 के मरीजों के लिए वेंटिलेटर के विनिर्माण का लाइसेंस मिला है। ये तीन भारतीय कंपनियां, अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, भारत फोर्ज लिमिटेड और मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेड हैं।

नासा की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। तीन भारतीय कंपनियों के अलावा 18 अन्य कंपनियों को भी यह लाइसेंस मिला है। इनमें आठ अमेरिका और तीन ब्राजील की कंपनियां शामिल हैं। नासा अमेरिका की अंतरिक्ष अनुसंधान, वैमानिकी और संबंधित कार्यक्रमों की स्वतंत्र एजेंसी है। नासा ने दक्षिण कैलिफोर्निया की जेट प्रॉपल्शन लैब (जेएलपी) में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए विशेष रूप से वेंटिलेटर विकसित किया है। 

जेएलपी के इंजीनियरों ने एक माह से कुछ अधिक समय में इस विशेष वेंटिलेटर वाइटल को डिजाइन किया है. इसे अमेरिका के खाद्य एवं दवा प्रशासन से 30 अप्रैल को आपात प्रयोग की अनुमति मिल चुकी है।

नासा का कहा है कि वाइटल को चिकित्सकों तथा चिकित्सा उपकरण विनिर्माण से सलाह लेकर विकसित किया गया है। कोरोना वायरस से अब तक अमेरिका में 1,02,836 लोगों की जान जा चुकी है. अमेरिका में इस महामारी से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 17 लाख को पार कर चुका है। पोर्टेबल वेंटिलेटर अब मात्र 4000 रुपये मिलेगा. बड़ी खूबी यह है पोर्टेबल वेंटिलेटर गांव देहात में भी काम करेगा।

इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना संभव होगा. यह मोबाइल एप से संचालित होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के शोधकतार्ओं ने दो कम लागत के पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित किए हैं. यह उपयोग में आसान हैं, इन्हें आपातकालीन चिकित्सा के लिए गांव भी ले जा सकते हैं।

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