BEMETARA : सहसपुर, लालपुर के बन्द पत्थर खदानों में चल रहा अवैध खनन व ब्लास्टिंग

अनदेखी: मामला सहसपुर के पत्थर खदानों में अवैध बारूद का 


बेमेतरा:-- जिले व साजा ब्लाक के अंतर्गत आने वाली ग्राम सहसपुर व लालपुर दो स्थानो पर मौजूद हैं पत्थर खदानें। जिनमें से ग्राम लालपुर के खदान को अनुमति प्राप्त है, वही ग्राम सहसपुर की पत्थर खदानें शासकीय रिकॉर्ड में  बंद है मगर सच्चाई तो यह है कि सहसपुर की बन्द पत्थर खदानें चालू है। जहाँ लालपुर की वैधानिक व सहसपुर की बन्द पत्थर खदानें अवैध रूप से चल रही हैं।

      बेमेतरा जिले व साजा ब्लाक के ग्राम सहसपुर की पत्थर खदाने प्रसाशन के लिए नासूर बन चुका है। मजेदार व खास बात तो यह है कि एक ओर जिला प्रसाशन व खनिज विभाग अपने शासकीय रिकार्ड के अनुरूप ग्राम सहसपुर की बन्द पत्थर खदानों को बंद बताती है। वही इन बन्द पत्थर खदानों मे दिनदहाड़े व खुलेआम पत्थर तोड़ने व परिवहन के साथ ब्लास्टिंग  का कार्य बेरोकटोक व बेखौफ जारी है। साथ ही उक्त कार्य बकायदा प्रसाशन की नाक के नीचे किया जाता हैं। इस अवैध कार्य में साफतौर पर अधिकारियों व खदान मालिकों की साठगांठ स्वतः ही दिखाई पड़ता हैं। वही इस पर कार्यवाही ना होना भी एक प्रकार से राजनीतिक सहभागिता व संरक्षण के होने को झुठलाया नहीं जा सकता।

खदानों के चालू होने के कई सबूत हैं मौजूद:-- 
जहाँ एक ओर प्रसाशन सहसपुर की पत्थर खदानों को बंद बताता हैं, वहीं इन बन्द खदानों के चालू होने व वहाँ पर कार्य होने के कई प्रत्यक्ष प्रमाण व खदानों में  मौजूद हैं। इन पत्थर खदानों मे मजदूरों का काम करना, पत्थरों को तोड़ने के लिए ब्लास्ट करना, ट्रैक्टर, ट्रक व हाईवा आदि वाहनों से पत्थर का खुले आम सभी की नजरो के सामने परिवहन करना आदि। यहाँ से निकलने वाले पत्थर का उपयोग निजी के साथ ही साथ शासकीय कार्यो मे भी किया जाता हैं। और तो और इन शासकीय कार्यो मे इन पत्थरों के उपयोग के लिए बकायदा बिल लगा कर भुगतान भी होता है। इतने सारे प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बाद भी प्रसाशन द्वारा कार्यवाही नहीं करना सीधे तौर पर मिलीभगत व सांठगांठ को प्रदर्शित करता है।

खदान मालिकों का भय व दशहत:--
पत्थर खदान क्षेत्रों में खदान मालिकों की दबंगई का बोलबाला है। क्षेत्र में मालिकों का इतना भय व दशहत व्याप्त है कि बाहरी लोग वहाँ जाने के लिए कई बार सोचते हैं। विगत कुछ माह पूर्व अखबारों में खदानों के अवैध संचालन की खबरे प्रकाशित हुई तथा उन पर किसी भी प्रकार से कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उनका हौसला और बढ़ गया। अब तो खदान मालिकों के द्वारा मीडियाकर्मियों को इधर आने पर देख लेने की बात कहीं जाती हैं।

सहसपुर में मंत्री का दौरा आज, सुरक्षा पर खड़ा हो रहा गम्भीर सवाल:-- क्षेत्र के सहसपुर में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। मंत्री नवीन सोसायटी केंद्र का भव्य भूमिपूजन - उद्घाटन करंगे। इसी दरमियान उनके सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल उठ रहा है। सूत्रों के अनुसार वर्तमान में ग्राम सहसपुर के पत्थर खदान में रोजाना बारूद का विस्फोट कर पत्थर तोड़ने का कार्य पूर्व से किया जाता रहा है। गांव में बारूद का ग्रामीण मजदूर ही करते हैं , जिसमें प्रतिबन्धित बारूद के इस्तेमाल की खबरे भी अति है। परिणामस्वरूप ग्राम प्रतिनिधित्व के सामने कार्यक्रम के आयोजन के दौरान मंत्री सुरक्षा को लेकर कई सवाल पैदा हो रहे हैं। लिहाजा इस विषय में शासन - प्रशासन के जिम्मेदार लोगों को गम्भीरतापूर्वक लेने की आवश्यकता है।

कोई शिकायत नहीं मिली ऐसी:--

"कोई शिकायत अभी तक नहीं आयी है। आपके माध्यम से जानकारी मिल रही है। खनिज निरीक्षक को भेजकर जांच करायी जाएगी। जांच के दौरान शिकायत यदि सही पायी गई तो संबंधित व्यक्ति पर खनिज अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।"

- दुर्गेश वर्मा, प्रभारी जिला खनिज अधिकारी, बेमेतरा (छ.ग.)

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