नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली कोरोना संक्रमण के चलते बुरे दौर से गुजर रही है। यहां कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है। दिल्ली में हर दिन हजारों की संख्या में नए केस आ रहे हैं और 200 से लेकर 250 तक की मौतें हो रही हैं। इस बीच अस्पतालों में बेड्स की कमी के साथ-साथ ऑक्सीजन की भी किल्लत हो रही है।
ऑक्सीजन का संकट अभी टला नहीं है। गुरुवार को कुछ अस्पतालों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, ताकि तुरंत मदद मिल सके। दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का कहना है कि उसके अस्पताल में 172 में से 64 मरीजों को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है। गुरुवार सुबह 10 बजे उनके पास 1 घंटे का ऑक्सीजन था, बाद में उन्होंने बैकअप इस्तेमाल किया। अस्पताल ने अदालत ने ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू रूप से चलाने की अपील की है।
वहीं केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर ऑक्सीजन के मुद्दे को सनसनीखेज बनाने का आरोप लगाया है। केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही एक सुनवाई में कहा कि दिल्ली सरकार ने इस मामले में केंद्रीय सचिवों से बात क्यों नहीं की? जब दिल्ली सरकार को अस्पतालों से सूचना मिली तो केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए थी। केंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार को अस्पतालों की लिस्ट देनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को अस्पतालों की सूची केंद्र को देने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि ये गंभीर हालात हैं, सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस आरोप पर केंद्र से जवाब भी मांगा है कि हरियाणा में दिल्ली की ऑक्सीजन रोकी गई है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि दिल्ली आ रहे ऑक्सीजन टैंकर को पानीपत में रोका गया था।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लगातार केंद्र से मदद की अपील कर रहे हैं। मनीष सिसोदिया ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अस्पतालों में हम अभी ऑक्सीजन के लिए अंदरूनी व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन कुछ समय बाद लोगों की जान बचाना मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन पूरी तरह खत्म हो गयी है, उनके पास कोई विकल्प नहीं है। कुछ राज्य राष्ट्रीय राजधानी के हिस्से की चिकित्सीय ऑक्सीजन पर नियंत्रण हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कोटा बढ़ाये जाने के बावजूद हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ऑक्सीजन की सप्लाई रोक रही हैं।
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धन्यवाद