आईयूसी को लेकर 10 हजार जियो उपभोक्ताओं ने डाली ऑनलाइन याचिका

आईयूसी को लेकर 10 हजार जियो उपभोक्ताओं ने डाली ऑनलाइन याचिका



आईयूसी को लेकर दूरसंचार कंपनियों के बीच मचे घमासान में उपभोक्ता भी कूद पड़े हैं और इसे ग्राहकों पर बोझ बताते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक संस्था (ट्राई) से इसके शीघ्र समाधान की मांग की है।

इंटरकनेक्ट यू एजेंसी चार्ज अर्थात आईयूसी को लेकर दूरसंचार कंपनियों के बीच मचे घमासान में उपभोक्ता भी कूद पड़े हैं और इसे ग्राहकों पर बोझ बताते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक संस्था (ट्राई) से इसके शीघ्र समाधान की मांग की है।

मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने आईसीयू मुद्दे पर ट्राई के ढुलमुल रुख का हवाला देते हुए बुधवार को दूसरे नेटवर्क पर काल करने के लिए छह पैसे प्रति मिनट का चार्ज लगाने का एलान किया। कंपनी के इस एलान के बाद जियो के ग्राहक अपने ऊपर पड़ने वाले भार को देखते हुए कंपनी के समर्थन में उतर आए और ट्राई से जल्द से जल्द इसका समाधान निकालने की मांग की है।
जियो के उपभोक्ताओं ने अपनी मांग ट्राई तक पहुंचाने के लिए आनलाइन याचिका का रास्ता अपनाया है। खबर लिखे जाने तक करीब 10 हजार जियो उपभोक्ता इसके समर्थन में आ चुके हैं। अपनी बात संबंधित संस्था तक पहुंचाने के लिए आनलाइन याचिका का प्रचलन प्रभावी ढंग से किया जाता है। आईसीयू पर विवाद की शुरुआत ट्राई के एक परामर्श पेपर से शुरू हुई बताई जाती है।
गौरतलब है कि ट्राई 2011 से ही आईसीयू को खत्म करने की वकालत करता रहा लेकिन जब इसका समय 31 दिसंबर 2019 नजदीक आया तो परामर्श पेपर जारी कर इस बंद हो चुके अध्याय को एक बार फिर से खोल दिया। नियामक अनिश्चितताओं के बीच रिलायंस जियो का मानना है कि वह आईसीयू से सबसे अधिक प्रभावित होने वाली कंपनी है। आईसीयू के फ्री हो जाने से ग्राहकों के लिए इनकमिंग और आउटगोइंग कालिंग के लिए फ्री हो जाना।
रिलायंस जियो का कहना है कि वह फ्री कालिंग की सुविधा देती रही है लेकिन इसके लिए उसे भारी कीमत चुकानी पड़ती है। आईसीयू की व्यवस्था पुरानी हो चुकी है और विश्व की ज्यादातर टेलीकॉम मार्केट जीरो आईसीयू को फालो करती हैं। दरअसल एयरटेल और वोडाफोन आइडिया का निम्न आय वर्ग के ग्राहकों के लिए जो टैरिफ प्लान है उसमें कालिंग की दरें इंडस्ट्री में सबसे अधिक बताई जा रही हैं।

कुछ मामलों में तो यह डेढ़ रुपये प्रति मिनट से भी ज्यादा हैं। इनमें कंपनियों के ऐसे बड़ी संख्या में ग्राहक 2 जी नेटवर्क से जुड़े हुए हैं जो मोबाइल का इस्तेमाल अधिकतर कालिंग के लिए ही करते हैं क्योंकि डेटा की कीमतें भी इन निम्न आय वर्ग के ग्राहकों के लिए 500 रुपये जी बी से अधिक हैं।
रिलायंस जियो का कहना है कि दोनों कंपनियों के 2 जी ग्राहक पैसा बचाने के लिए जियो के ग्राहकों को मिस्ड काल देते हैं और जब जियो का ग्राहक अन्य आपरेटर के उपभोक्ता को फोन करता है तो जियो को छह पैसे प्रति मिनट चुकाने पड़ते हैं। जियो का दावा है कि कंपनी पर तीन वर्षों में इस मद में साढ़े तेरह हजार करोड़ रुपये का बोझ आ चुका है। रिलायंस जियो का कहना है कि यदि आईसीयू को ट्राई खत्म कर दे तो वह पहले की तरह सभी तरह की कालिंग फ्री कर देगी।

(न्यूज़ संजीवनी टुडे)

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