चंडीगढ़। पिछले दो सप्ताह से कई बीमारियों से जूझ रहे तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार को निधन हो गया। 95 वर्षीय बलबीर के परिवार में बेटी सुशबीर और तीन बेटे कंवलबीर, करणबीर और गुरबीर हैं। बलबीर सीनियर को आठ मई को वहां भर्ती कराया गया था। वह 18 मई से अर्ध चेतन अवस्था में थे और उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया था। उन्हें फेफड़ों में निमोनिया और तेज बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उनके नाती कबीर ने एक संदेश में कहा, ”नानाजी का सुबह निधन हो गया।” पिछले दो साल में चौथी बार उन्हें अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया । पिछले साल जनवरी में वह फेफड़ों में निमोनिया के कारण तीन महीने अस्पताल में रहे थे।
–नीदरलैंड के खिलाफ पांच गोल का उनका रिकॉर्ड आज भी कायम
देश के महानतम एथलीटों में से एक बलबीर सीनियर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति
द्वारा चुने गए आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपियनों में शामिल
थे। हेलसिंकी ओलंपिक फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ पांच गोल का उनका रिकॉर्ड
आज भी कायम है। उन्हें 1957 में पद्मश्री से नवाजा गया था।
–तीन बार ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले हॉकी टीम का हिस्सा
बलबीर सिंह लंदन ओलंपिक-1948, हेलसिंकी ओलंपिक-1952 और मेलबर्न
ओलंपिक-1956 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। 1952
ओलंपिक खेलों के स्वर्ण पदक के मैच में बलबीर ने नीदरलैंड्स के खिलाफ पांच
गोल किए थे और भारत को 6-1 से जीत दिलाई थी। बलबीर विश्व कप-1971 में
कांस्य और विश्व कप-1975 जीतने वाली भारतीय टीम के मुख्य कोच थे।
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धन्यवाद