रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का शुक्रवार 3.30 बजे निधन हो गया। श्री जोगी मिलनसार, लोगों के दुख दर्द में हमेशा खड़े रहने वाले नेता के रूप में हमेशा याद किये जाते रहेंगे। उनके चाहने वाले उन्हें ब्रिलियंट माइंड के धनी भी बताते हैं। एमएसीटी भोपाल से मैकनिकल में गोल्ड मेडलिस्ट थे। रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर भी रहे। उनके बेहद ही करीबी कहे जाने वाले केडी सिंह से TCP24 के संवाददाता अंकित बिसेन और हितेश देवांगन की खास रिपोर्ट…
केडी सिंह ने अपने और जोगी के संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि
मेरे और श्री जोगी के संबंध हमेशा गुरु शिष्य की रही है। शिक्षा जीवन से
लेकर उनके राजनीतिक सफर तक मैं हमेशा श्री जोगी को गुरु के रूप में ही
देखता रहा हूं। उनका इस तरह चले जाना प्रदेश की लिए बहुत बड़ी क्षति है।
उन्होंने कहा कि श्री जोगी बहुत हेल्पनेस और स्नेहदिल के व्यक्ति थे। मैं जोगी जी को सर ही कहा करता था। जो भी उनके पास जाते थे उनके लिए जो भी कर सकते थे अवश्य करते थे। केडी सिंह ने बताया कि श्री जोगी रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर भी रहे। इन्हीं दिनों में उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उस समय मैं भी इंजीनियरिंग का छात्र था। उनसे मेरा नाता गुरु-शिष्य का था। हालांकि उन्होंने मुझे पढ़ाया नहीं है। ये रिश्ता अंत तक रहा। वहीं उन्होंने श्री जोगी के बारे में बताते हुए कहा कि वे पहले सीधी और इंदौर में कलेक्टर रहे। बाद में रायपुर में पोस्टिंग हुई। उस समय रायपुर सबसे बड़ा जिला हुआ करता था। जोगी जी जब रायपुर कलेक्टर थे उस समय मैं कॉलेज का प्रेसिडेंट था। जिसके चलते मेरी निकटता ज्यादा थी। कॉलेज के छोटे-छोटे कार्यक्रमों में उनका आना होता था।
श्री केडी ने एक खास घटना साझा करते बताया कि कॉलेज में फन-फेयर का आयोजन किया गया। जिसमें कॉलेज की ओर से भाभी को आमंत्रित किया गया। जब कलेक्टर को इस बात का पता चला तब बोले-कलेक्टर मैं हू की तेरी भाभी। और भाभी के पीछे-पीछे आयोजन में पहुंच गये। जोगी जी का हमारे प्रति बड़ा स्नेह था।
श्री केडी ने कहा कि जब जोगी का इंदौर से भोपाल ट्रांसफर हुआ था।उसी बीच मैं भोपाल गया हुआ था। इस दौरान जोगी जी के साथ बैठकर काफी भी पिया था। दूसरे दिन मैं पटना के लिए निकल गया। अखबार पढ़ रहा था तभी मेरी नजर एक न्यूज पर पड़ी। जिसमें लिखा था अजीत जोगी राज्यसभा के लिए मनोनित किये गये। इसके बाद अजीत जोगी का राजनीतिक में पर्दापण हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री और सूचना क्रांति के जनक राजीव गांधी से उनकी अच्छे संबंध बन गये थे। श्री केडी ने कहा कि कॉलेज शपथ ग्रहण समारोह के दौरान तीन प्रमुख मांगे थी। पहला इंजीनियरिंग कॉलेज में हॉस्टल। ट्रैन दुर्ग से रायपुर रुकती थी, लेकिन हमने अजीत जोगी से सरस्वती नगर स्टेशन की मांग की थी। जिस पर जोगी ने स्टेशन का निर्माण करवाया था। तीसरी मांग थी कि यहां पर उन्हें पढ़ने के लिए पुस्तकें लाइब्रेरी में बहुत कम मात्रा में थी यह भी मांगें थी।
1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ बना तो राज्य के पहले मुख्यमंत्री बनने का उन्हें गौरव हासिल हुआ। कांग्रेस प्रवक्ता के साथ ही दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। 1999 में वे शहडोल से चुनाव हार गए थे। नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ गठन के दौरान उनके राजनीतिक कैरियर में बड़ा बदलाव आया और उन्हें छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला।
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अपना किमती समय देने के लिये
धन्यवाद