नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़क के बाद चीन के प्रति भारत में लोग आक्रोशित हैं। वहीं अब दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस में चीनी नागरिकों को नहीं ठहरने दिए जाने पर फैसला लिया गया। कॉन्फेडरेशन आॅफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चीनी सामान बहिष्कार के आह्वान पर दिल्ली के बजट होटलों के संगठन दिल्ली होटल एंड गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन (धुर्वा) ने एक बड़ा फैसला लिया है।
संगठन ने घोषणा की है कि चीन की हरकतों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस में अब से किसी भी चीनी नागरिक को ठहराया नहीं जाएगा। दिल्ली में लगभग 3000 बजट होटल और गेस्ट हाउस हैं।
जिनमें लगभग 75 हजार कमरे हैं। दिल्ली होटल एंड गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन के महामंत्री महेंद्र गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चीन जिस प्रकार से भारत के साथ व्यवहार कर रहा है और हिंसक झड़प में जिस तरीके से भारतीय सैनिक शहीद हुए, उसके कारण दिल्ली के सभी होटल कारोबारियों में बेहद गुस्सा है।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब कैट ने देश भर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान चलाया है, उसमें दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस कारोबारी भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे और उसी को देखते हुए हमने यह फैसला किया है कि अब से दिल्ली के किसी भी बजट होटल या गेस्ट हाउस में किसी भी चीनी व्यक्ति को ठहराया नहीं जाएगा।
कई वर्गों के लोग जुड़े
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री
प्रवीन खंडेलवाल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे यह स्पष्ट
है कि कैट के जरिए शुरू किया गया चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के आह्वान से
देश के विभिन्न वर्गों के लोग जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा की इसी सिलसिले
में कैट अब ट्रांसपोर्ट, किसान, हॉकर्स, लघु उद्योग, उपभोक्ता स्वयं
उद्यमी, महिला उद्यमी के राष्ट्रीय संगठनों से संपर्क कर उन्हें भी इस
अभियान से जोड़ेगा।
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धन्यवाद