BEMETARA : राज्य स्थापना दिवस पर विशेष - पुरस्कारों के जरिए महान विभूतियो का स्मरण


बेमेतरा । भारत गणराज्य के 26 वें राज्य के रुप मे अस्तित्व मे आये छत्तीसगढ़ ने अपनी सांस्कृतिक विरासत और लोक परम्पराओं को सहेजते हुए अपने पुरखों की स्मृति मे सम्मान स्थापित किये है। छ.ग. राज्य वास्तव मे आनेक ऐसी महान विभूतियों की जन्मभूमि और कर्मभूमि है जिनकी गरिमामय जीवन यात्रा से हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ी लगातार प्रेरणा लेती रहेगी। इन महान विभूतियों ने जनता के लिए सेवा साधना और समर्पण की भवना से कार्य करते हुए समाज को एक नयी दिशा और छत्तीसगढ़ की धरती को नयी पहचान दी। छ.ग. मे सदियों से चली आ रही सम्मान की परम्परा को बरकरार रखते हुए ये सम्मान छ.ग. की महान विभूतियों के नाम पर स्थापित किये गये है। जिन्होने छ.ग. की धरती और समाज को नयी दिशा दी है। अतीत के गौरव पुरुषों प्रेरणादायी स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए उनके नाम पर सम्मान देने की व्यवस्था की गयी है।



कोई भी राज्य और समाज अपने अतीत के गौरव पुरषों की स्मृति कल्पना मे ही गतिमान अर्थ पाता है इसलिए छ.ग. शासन ने इन विभूतियो की प्रेरणादायाक स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए उनके नाम पर सम्मान की स्थापना की है। राज्य मे सृजनात्मक और उत्कृष्टता के सम्मान के दिशा में यह एक प्रयास है। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इस साल राज्य स्थापना दिवस के मौके पर राज्य अलंकरण समारोह का वर्चुअल आयोजना होगा।



शहीद वीर नारायण सिंह-सन 1857 के स्वतंत्रता समर मे मातृभूमि के लिए मर मिटने वाले शहीदों मे छ.ग. के आदिवासी जननायक वीरनारायण सिंह का नाम सर्वाधिक प्रेरणास्पद है। आपका जन्म सोनाखान के जमींदार परिवार मे हुआ था। अन्याय के खिलाफ सतत संघर्ष का आव्हान निर्भिकता, चेतना जगाने और ग्रामीणों मे उनके मौलिक अधिकारों के प्रति जागृति उत्पन्न करने के लिए प्रेरक कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृति में आदिवासी और पिछड़ा वर्ग मे उत्थान के क्षेत्र मे शहीद वीर नारायण सम्मान स्थापित किया है। गुण्डाधुर सम्मान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मे जनजाति अंचल के अनेक गुमनाम क्रांतिवीरों मे बस्तर के गृण्डाधुर एक चमत्कारिक चरित्र है। वे एक महान सेनानी छापामार युद्ध के जानकार तथा देशभक्त होने के साथ-साथ आदिवासियों के पारंपरिक हितों के लिए जागरुक थे। जनश्रुतियो तथा गीतों मे आपकी वीरता का वर्णन मिलता है। शासन ने उनकी स्मृति मे साहसिक कार्य तथा खेल के क्षेत्र मे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए गुण्डाधुर सम्मान स्थापित किया है। मिनीमाता- मिनीमाता ने समाज के गरीबी, अशिक्षा तथा पिछड़ापन दूर करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया आप सदभावना और ममता की मूर्ति थी। उनकी स्मृति में महिला उत्थान के क्षेत्र मे उत्कृष्ट योगदान के लिए मिनीमाता सम्मान स्थापित किया गया है।



गुरुघासीदास-छ.ग. की संत परंपरा मे गुरुघासीदास का नाम सर्वोपरि है उनका व्यक्तित्व ऐसा प्रकाश स्तंभ है जिसमें सत्य अहिंसा, करुणा तथा जीवन का ध्येय उदत्त रुप से प्रकट है शासन ने उनकी स्मृति मे सामाजिक चेतना एवं सामाजिक न्याय के क्षेत्र मे गुरुघासीदास सम्मान स्थापित किया है। ठाकुर प्यारेलाल सिंह-ठाकुर साहब छ.ग. मे श्रमिक आंदोलन के सूत्राधार तथा सहकारिता आंदोलन के प्रणेता रहे है, सरकार ने उनकी स्मृति मे सहकारिता के क्षेत्र मे उत्कृष्ट कार्य के लिए यह सम्मान स्थापित किया है। हाजी हसनअली सम्मान-छ.ग. मे उर्दू अदब को प्रोत्साहन देने माकूल फिजां तैयार करने और गौरवशाली परंपरा को कायम रखने वाले हाजी साहब का अवदान नई पीढ़ी को रौशनी देता रहेगा। राज्य सरकार ने उनकी स्मृति में उर्दू भाषा की सेवा के लिए हाजी हसन अली सम्मान को स्थापित किया है।



महाराजा प्रवीर चंद भंजदेव-बस्तर के आत्म बलिदानी विभूतियों मे राजकुल के महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव का नाम ज्योतिपूंज के समान देदीप्यमान है बस्तर के इस यशस्वी सपूत ने समाजिक अन्याय एवं जीवन मूल्यों के दमन से संघर्ष करते हुए योद्धा की भांति अपने प्राण न्यौछावर किया। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उनकी स्मृति में तीरंदाजी के क्षेत्र मे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान स्थापित किया है। पं. रविषंकर शुक्ल-स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री होने को गौरव है आप छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्रांति के समर्थक थे भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना का श्रेय आपको है छत्तीसगढ़ की उन्नति और यहां सामाजिक सद्भाव बनाये रखने के लिए आपके प्रयास चिरकाल तक याद किये जायेंगे शासन ने उनकी स्मृति मे सामाजिक अर्थिक तथा शैक्षणिक क्षेत्र मे अभिनव प्रयत्नों के लिए पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान स्थापित किया है। पं. सुन्दरलाल शर्मा-छत्तीसगढ़ मे आपने समाजिक चेतना का स्वर घर-घर पहुंचाने मे अविस्मरणीय कार्य किया शासन ने उनकी स्मृति मे साहित्य/आंचलिक साहित्य के लिए पं. सुन्दरलाल शर्मा सम्मान स्थापति किया है। राजाचक्रधर सिंह-रायगढ़ रियासत के राजा ने संगीत के क्षेत्र मे आपके विशिष्ट योगदान के लिए छ.ग. शासन ने उनकी स्मृति मे कला और संगीत के लिए चक्रधर सम्मान स्थापित किया है। दाऊमंदराजी-आपने छत्तीसगढ़ राज्य लोक नाट्य “नाचा“ के मंचीय विकास की यात्रा मे भरपूर योगदान दिया। प्रदर्शनकारी लोक विधा-नाचा को जीवंत रखने जनसामान्य में उनकी पुनर्प्रतिष्ठा और लोक कलाकारों को प्रश्रय देने वाला व्यक्तित्व नई पीढ़ी के लिए प्रेरक है। उनकी स्मृति मे लोक/शिल्प के लिए दाऊमंदराजी सम्मान स्थापित किया है।




डाॅ. खूबचंद बघेल-आपका सम्पूर्ण जीवन समाज और कृषकों के कल्याण तथा विभिन्न रचनात्मक कार्यों के लिए समर्पित था। साहित्य सृजन लोकमंचीय प्रस्तुति तथा बोलचाल में आप छत्तीसगढ़ी के पक्षधर थे। शासन ने उनकी स्मृति मे कृषि के क्षेत्र मे महत्वपूर्ण उपलब्धि एवं अनुसंधानों को प्रोत्साहित करने के लिए डाॅ.खूबचंद बघेल सम्मान स्थापित किया है। चंदूलाल चंद्राकर-राजनीति से पूर्व आप सक्रिय पत्रकारिता से जुड़े रहे। निर्भिक पत्रकारिता से छत्तीसगढ़ का नाम देश मे रोशन करने वाले व्यक्ति से नई पीढ़ी प्रेरणा ग्रहण करें और मूल्य आधारित पत्रकारिता को प्रोत्साहन मिले इसके लिए राज्य सरकार ने उनकी स्मृति मे प्रिंट तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए पत्रकारिता के क्षेत्र मे चंदूलाल चंद्राकर फेलोशिप स्थापित किया है।



इसके अलावा पत्रकारिता के क्षेत्र मे मधुकर खेर- स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार (अंग्रेजी)। तथा माधवराव सपे्र- फेलोशिप शामिल है। यतियतन लाल-आप सामाजिक और सांस्कृतिक प्रणेता के रुप मे जाने जाते है। आप श्रेष्ठ वक्ता, लेखक समाज सुधारक थे। छ.ग. मे अहिंसा के प्रचार मे अविस्मरणीय यो्रदान को दृष्टिगत रखते हुए शासन ने उनकी स्मृति मे अहिंसा और गौरक्षा के क्षेत्र मे यतियतन लाल सम्मान स्थापित किया है। महाराजा अग्रसेन-आप मानव उत्थान के साधक थे और परस्पर सहयोग द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को मानव कल्याण के लिए दायित्व निर्वहन हेतु पथ प्रदर्शन तथा आव्हान करते रहे। छ.ग. शासन ने उनकी स्मृति मे समाजिक समरसता के क्षेत्र मे स्तुत्य कार्यों के लिए महाराजा अग्रसेन सम्मान स्थापित किया है। समाज कल्याण विभाग अन्तर्गत दानवीर भामाषाह के नाम से सम्मान स्थापित किया गया है। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी उत्थान के क्षेत्र मे डाॅ. भंवर सिंह पोर्ते सम्मान, मतस्य पालन के अन्तर्गत बिलासा बाई केंवटीन सम्मान, स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत धनवन्तरी सम्मान उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संस्कृत भाषा सम्मान, पुलिस विभाग के अन्तर्गत पंडित लखनलाल मिश्र सम्मान और श्रम विभाग के अन्तर्गत महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव सम्मान स्थापित किया गया है।

छगन लोन्हारे, मो.नं. 9425209168

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