गोबर पर सियासत : अजय चंद्राकर बोले- गोबर को राजकीय चिन्ह बना दें, कांग्रेस का करारा जवाब- दिमाग में भरे गोबर को बेचें, आर्थिक लाभ पाएं

रायपुर । राज्य सरकार कोरोना संकट काल में उपजी आर्थिक मंदी से निजात पाने के लिए अपने महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूआ, घुरवा और बाड़ी के गौठानों के माध्यम से गोधन न्याय योजना की शुरूआत करने जा रही है। इसके बाद से प्रदेश के दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच ट्वीटर वार शुरू हो गया है।

प्रदेश में गोबर पर सियासी तेवर तेज होता दिख रहा है। पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता अजय चंद्राकर के एक ट्वीटर पोस्ट के बाद हंगामा शुरू हो गया है। अजय चंद्राकर ने ट्विटर पर लिखा कि- छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में “गोबर” के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए।

छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में "गोबर" के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए👇👇👇👇👇

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वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री पर हमला बोलते हुए री-ट्वीट करते हुए तीखा पलटवार किया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने लिखा है कि – आपकी सोच को देखकर लगता है कि सरकार की इस योजना से भाजपा के नेताओं को काफ़ी लाभ मिल सकता है, उठाना भी चाहिए। दिमाग़ में भरे गोबर को बेचें, आर्थिक लाभ कमाएं। कुछ अच्छी चीजें भी दिमाग़ में घुसेंगी।

यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम्।
तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥

आपकी सोच को देखकर लगता है कि सरकार की इस योजना से भाजपा के नेताओं को काफ़ी लाभ मिल सकता है, उठाना भी चाहिए।

दिमाग़ में भरे गोबर को बेचें, आर्थिक लाभ पाएँ। कुछ अच्छी चीजें भी दिमाग़ में घुसेंगी। https://twitter.com/Chandrakar_Ajay/status/1276390011227631617 

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दरअसल एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने ग्रामीणों से गोबर खरीदने का ऐलान किया था। सरकार का दावा है कि इससे खाद बनेगी, लोगों की आय बढ़ेगी।


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