आपको बता दें कि अगस्त 2019 में श्रम मंत्री की अध्यक्षता में ईपीएफओ का फैसला लेने वाला शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 6.3 लाख पेंशनभोगियों के लिये कम्युटेशन की सुविधा बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी.
अब क्या होगा- सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पहले कम्युटेड पेंशन को बहाल करने का कोई प्रावधान नहीं था और पेंशनर्स को कम्युटेशन की एवज में जीवन भर कम पेंशन मिलता थी.
मंत्रालय ने कहा है कि कर्मचारी पेंशन स्कीम 1995 के तहत यह पेंशनर्श के फायदे के लिए उठाया गया ऐतिहासिक कदम है.
EPFO अपने 135 क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिए 65 लाख पेंशनर्स को पेंशन देता है. EPFO के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान तमाम दिक्कतों के बावजूद मई, 2020 की पेंशन राशि को प्रोसेस किया है ताकि पेंशनर्स को तय शिड्यूल के मुताबिक पेंशन मिलने में कोई परेशानी ना हो.इससे पहले फरवरी में श्रम मंत्रालय ने EPS-95 के तहत पेंशन कम्युटेशन की व्यवस्था को बहाल करने के EPFO के फैसले को लागू कर दिया था. इससे 6.3 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा.
सब्सक्राइबर द्वारा पेंशन फंड से आंशिक तौर पर निकासी करने पर 15 साल तक कम पेंशन मिलता है. इस व्यवस्था को पेंशन कम्युटेशन कहते हैं. मंत्रालय के फैसले के बाद ये पेंशनर्स भी 15 साल पूरे होने के बाद पूरी पेंशन प्राप्त करने के हकदार हैं.
पूर्व में ईपीएसफ-95 के तहत सदस्यों को अपनी पेंशन का 10 साल के लिये का एक तिहाई की कटौती की अनुमति थी. पूरी पेंशन 15 साल बाद बहाल हो जाती थी. केंद्र सरकार के कुछ श्रेणी के कर्मचारियों के लिये यह सुविधा अब भी उपलब्ध है.
इससे पहले कम्यूटेड पेंशन के रिस्टोरेशन का प्रावधान नहीं था. इसकी वजह से पेंशनर्स को जिंदगी भर घटी हुई पेंशन ही मिलती थी. कम्यूटेड पेंशन के रिस्टोरेशन का कदम पेंशनर्स को फायदा पहुंचाने के लिए EPS-95 (Employees' Pension Scheme-1995) के तहत एक ऐतिहासिक कदम है.
इसके जरिए 6.3 लाख पेंशनर्स को फायदा हुआ है. पेंशन कम्युटेशन का विकल्प लेने वालों के लिए मासिक पेंशन में अगले 15 साल तक एक तिहाई की कटौती होती है और घटी हुई राशि एकमुश्त दे दी जाती है. 15 साल बाद पेंशनभोगी पूरी राशि लेने का हकदार होता है.
श्रम मंत्रालय ने 25 सितंबर 2008 को या उसके पहले EPFO के पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा का लाभ उठाने वाले पेंशनभोगियों के लिए पेंशन कम्यूटेशन रिस्टोरेशन की सुविधा दिए जाने को लेकर अधिसूचना 20 फरवरी को जारी की थी. इस फैसले से 6.3 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित हुए हैं.
EPFO अपने 135 क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिए 65 लाख पेंशनर्स को पेंशन देता है. EPFO के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान तमाम दिक्कतों के बावजूद मई, 2020 की पेंशन राशि को प्रोसेस किया है ताकि पेंशनर्स को तय शिड्यूल के मुताबिक पेंशन मिलने में कोई परेशानी ना हो.इससे पहले फरवरी में श्रम मंत्रालय ने EPS-95 के तहत पेंशन कम्युटेशन की व्यवस्था को बहाल करने के EPFO के फैसले को लागू कर दिया था. इससे 6.3 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा.
सब्सक्राइबर द्वारा पेंशन फंड से आंशिक तौर पर निकासी करने पर 15 साल तक कम पेंशन मिलता है. इस व्यवस्था को पेंशन कम्युटेशन कहते हैं. मंत्रालय के फैसले के बाद ये पेंशनर्स भी 15 साल पूरे होने के बाद पूरी पेंशन प्राप्त करने के हकदार हैं.
पूर्व में ईपीएसफ-95 के तहत सदस्यों को अपनी पेंशन का 10 साल के लिये का एक तिहाई की कटौती की अनुमति थी. पूरी पेंशन 15 साल बाद बहाल हो जाती थी. केंद्र सरकार के कुछ श्रेणी के कर्मचारियों के लिये यह सुविधा अब भी उपलब्ध है.
इससे पहले कम्यूटेड पेंशन के रिस्टोरेशन का प्रावधान नहीं था. इसकी वजह से पेंशनर्स को जिंदगी भर घटी हुई पेंशन ही मिलती थी. कम्यूटेड पेंशन के रिस्टोरेशन का कदम पेंशनर्स को फायदा पहुंचाने के लिए EPS-95 (Employees' Pension Scheme-1995) के तहत एक ऐतिहासिक कदम है.
इसके जरिए 6.3 लाख पेंशनर्स को फायदा हुआ है. पेंशन कम्युटेशन का विकल्प लेने वालों के लिए मासिक पेंशन में अगले 15 साल तक एक तिहाई की कटौती होती है और घटी हुई राशि एकमुश्त दे दी जाती है. 15 साल बाद पेंशनभोगी पूरी राशि लेने का हकदार होता है.
श्रम मंत्रालय ने 25 सितंबर 2008 को या उसके पहले EPFO के पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा का लाभ उठाने वाले पेंशनभोगियों के लिए पेंशन कम्यूटेशन रिस्टोरेशन की सुविधा दिए जाने को लेकर अधिसूचना 20 फरवरी को जारी की थी. इस फैसले से 6.3 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित हुए हैं.
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