दुःख हुआ।वेब सिरीज़ #rasbhari में असंवेदनशीलता से एक छोटी बच्ची को पुरुषों के सामने उत्तेजक नाच करते हुए एक वस्तु की तरह दिखाना निंदनीय है।आज रचनाकारों और दर्शक सोचें बात मनोरंजन की नहीं,यहाँ बच्चियों प्रति दृष्टिकोण का प्रश्न है,यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है या शोषण की मनमानी।
प्रसून जोशी ने अपने ट्वीट में लिखा: “वेब सीरीज रसभरी का गैरजिम्मेदाराना कंटेंट देखकर दुखी हूं, जिसमें एक छोटी-सी बच्ची को नशे में धुत लोगों के सामने भड़काऊ डांस करते हुए दिखाया गया है। रचनाकार और दर्शकों को गंभीरता से इस पर सोचना होगा कि यह फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन है या फ्रीडम ऑफ एक्सप्लॉयटेशन है? मनोरंजन की इस विकट इच्छा के लिए हमें बच्चों को बख्श देना चाहिए।”
आदर सहित सर, शायद आप scene ग़लत समझ रहे हैं। सीन जो वर्णन किया है उसके ठीक उल्टा है। बच्ची अपने मर्ज़ी से नाच रही है- पिता देख कर झेंप जाता है & शर्मिंदा होता है।नाच उत्तेजक नहीं है, बच्ची बस नाच रही है, वो नहीं जानती समाज उसे भी sexualise करेगा- scene यही दिखाता है। #Rashbhari https://twitter.com/prasoonjoshi_/status/1276441953073127425 …
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अपना किमती समय देने के लिये
धन्यवाद