बेमेतरा । राजनीति के क्षेत्र मे इतनी अधिक गिरावट आएगी यह देश के संविधान निर्माता डाॅ.भीमराव अंबेडकर जी ने भी नही सोचा होगा और ना ही आजादी के पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डाॅ.सुभाष चंद्र बोस जिन्हे भारत रत्न, पद्म श्री, पदम भूषण शासन द्वारा नही दिया गया था, उन्हे सिर्फ नेताजी शब्द से अलंकृत किया गया था, जिसका बहुत बड़ा सम्मान है। वे युगपुरूष हम भारतवासियों के आदर्श है। मगर आज राजनीति का क्या स्वरूप समाज देख रहा है। तीनो युगो मे ऐसी सामाजिक बुराई चली आ रही हैै, हमारे देश मे होली, दीवाली, तीज, त्यौहार, शादी विवाह में कई लोग अपने दोस्तों रिस्तेदारों के साथ शौक से ताश खेल लेते है, प्रतिदिन देश मे लाखों लोग परिवार मे सामान्य रूप से ताश खेलते है, यह जुंआ की श्रेणी मे नही आता है। हजारों लोगों पर भारतीय संविधान में बने कानून के तहत पुलिस कार्यवाही भी होती है। मगर छ.ग. में आज तक ऐसी गलती का इतना बड़ा पुरस्कार नही मिला होगा, जितना कुछ चैनलो एवं फेसबुक, व्हाट्सएप में कुछ मिडिया के मित्रो के द्वारा प्रायोजित दुष्प्रचार किया गया, इतना सम्मान दिया गया जिसकी कल्पना भी नही की जा सकती।
आज 40 वर्ष की बेदाग राजनीतिक जीवन जीने वाले जनता के लिए जीने मरने वाले, सभी राजनीतिक दल के बड़े नेता, उच्च अधिकारी और समाज वाले जिनके व्यवहार के बारे मे चर्चा करते है कि राजनीति मे सुचिता, सेवा, समर्पण और व्यवहार देखना हो तो बाफना जी को देखे, साजा धमधा अहिवारा एवं दुर्ग-बेमेतरा जिला सहित प्रदेश की लाखो जनता जिनके बारे मे सब कुछ जानती है, उनको किसीके प्रमाण पत्र की आवश्यकता नही है। कुछ लोगो द्वारा नेताओ या बड़े अधिकारियों की इज्जत को तार-तार करने का एक फैशन सा बन गया है। मगर गलती की श्रेणी तो देख लेना चाहिए, माॅ बाप परिवार कहा से आ जाता है, आज कल कुछ चैनल और वाट्सअप फेसबुक चलाने वाले कुछ लोग अपनी सस्ती लोकप्रियता बढ़ाने की अंधी दौड़ मे सब कुछ भुल जाते है। वास्तव मे वह ताश खेल रहा था, कि नही यह सिर्फ उसकी आत्मा जानती है या उसके साथ वाले लोग जानते है। मगर उन्होने अभी तक इतना गलत एवं भ्रामक प्रचार होने के बाद भी कोई टीका टिप्पणी तक नही की है, यह उनका बड़प्पन है।
नंदिनी थाना प्रभारी एवं वहां के SDOP को छोड़कर सी.एस.पी. छावनी के द्वारा किसकी सुचना पर और किसके आदेश पर कार्यवाही की गई यह चर्चा का विषय है। जब फोटो सिर्फ पुलिस के द्वारा लिया गया था, तो उसे शोशल मिडिया और सामाजिक ग्रुप मे क्यों और किसने वायरल किया, उसके पीछे क्या कारण है? ऐसा व्यवहार गंभीर अपराधी की तर्ज पर लाईन से बैठाकर फोटो खीचना, और उसके आवश्यक सभी दस्तावेज जैसे पर्स मोबाईल जब्त कर तलाशी करना, वाहन जब्त करना, उसके बाद भी उनलोगो के द्वारा कोई आपत्ति नही की गई। आज भी पुलिस के प्रति जनता एवं समाज मे सम्मान है, मगर ऐसी घटना मे कुछ लोग इधर उधर डर के कारण भाग भी जाते है, तब आप लोगो के द्वारा भागते हुए लोगो की फोटो कैमरे मे कैद कर ली जाती है, तब उन्हे दौड़ाकर शारीरिक नुकसान पहुंचाने का क्या औचित्य रह जाता है। उन्हे तो बाद मे भी संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर सकते है, और ये संभ्रात लोग तो हिले डुले भी नही क्योकि इनके मन मे कोई शंका थी भी नही। यह कितना बड़ा अपराध है कि सुनियोजित ढंग से ऐसा दुष्प्रचार किया गया जबकि सच्चाई ये है कि, कुछ समय पूर्व ही वार्ड 10 के पार्षद और वार्ड 05 के पूर्व पार्षद के साथ भुट्टा खीरा लाने गए थे।
विधि का नियम है- कर भला तो हो भला, जो बोओगे वही काटोगे। आप लोगो को बाफना भैय्या जी की सरलता, सादगी और व्यवहार की बराबरी करने के लिए बहुत त्याग करना पडे़गा। यह सुनकर, देखकर, पढ़कर बहुत अधिक दुख हुआ और ऐसे समान्य से गलती या अपराध करने पर किसी के परिवार को जोड़कर ऐसा भ्रामक दुष्प्रचार करना, कहा तक उचित और न्यायसंगत है।
ऐसे समाजिक कुरीति वाले ताश आदि खेलने पर सामान्यतया न्यायपालिका मे कुछ अर्थदंड का प्रावधान है, एवं जहां तक उन लोगो ने कोई असहमति व्यक्त तक नही की। परंतु पूर्व मे जिसका अपराधिक रिकार्ड ना हो, समाज मे प्रतिष्ठा हो, वही किसी भी कारणवश प्रथम दृश्टया देाषी दिखता भी हो, वो भी ताश खेला है या नही खेला है, उसका पक्ष जाने बिना धारावाहिक तरीके से समाचार बनवाना और चलाना, वाट्सअप फेसबुक मे भी गलत टिप्पणी करना कहा तक न्यायोचित है। पुरे छ.ग. मे यह कोई पहली या अंतिम घटना नही है, हजारों ऐसी घटनाएं होती रहती है, जिसको लेकर उनके परिवार के साथ जोड़कर दुष्प्रचार किया गया है क्या? यह प्रश्नवाचक चिन्ह है, यह सब किसके इशारे पर हुआ है? यह अति निंदनीय है। यह आम जनता मे चर्चा का विषय है।
भैय्या जी तो प्रारंभ से ही बिना किसी की टीका टिप्पणी किए सरलता के साथ जनता की सेवा मे ही विश्वास करते है। 40 साल के बेदाग राजनीतिक जीवन मे कोई 1 भी प्रमाणिक आरोप उन पर किसी ने नही लगाया है, सबके सुख दुख मे सबसे पहले पहंुचने वाले, पुरे साजा विधानसभा मे ये चर्चा का विषय रहता है कि दुर्घटना स्थल मे 108 बाद मे पहुंचता है और भैय्या जी पहले पहुंच जाते है। हम सभी इस घटना की निंदा करते है। ‘‘सत्य मेव जयते’’
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अपना किमती समय देने के लिये
धन्यवाद