नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही दुनिया को वैक्सीन का ही सहारा है। कोविड के 150 से भी ज्यादा टीकों पर दुनियाभर में रिसर्च और ट्रायल हो रहे हैं। अभी तक किसी भी वैक्सीन को ग्लोबल यूज के लिए अप्रूव नहीं किया गया है। केवल रूस ने एक वैक्सीन Sputnik V को अगस्त में मंजूरी दी थी जिसके बड़े पैमाने पर फेज-3 ट्रायल के नतीजों का दुनिया इंतजार कर रही है।
भारत में भी कोविड के तीन टीकों का फेज 2/3 ट्रायल चल रहा है। इनमें से दो वैक्सीन भारतीय वैज्ञानिकों ने ही डेवलप की हैं। कोविड टीका कब तक आएगा, किसको पहली डोज मिलेगी, ये सब सवाल हैं जिनके जवाब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन रविवार को देंगे। ‘संडे संवाद’ कार्यक्रम में हर्षवर्धन भारत का कोविड वैक्सीन प्लान सामने रखेंगे।
भारत में कोविड टीकों का स्टेटस क्या?
ICMR-भारत बायोटेक की वैक्सीन Covaxin, इसका फेज 2 ट्रायल देश में कई सेंटर्स पर चल रहा है। जायडस कैडिला की ZyCov-D, इस वैक्सीन का भी इंसानों पर ट्रायल जारी है। ऑक्सफर्ड-अस्त्राजेनेका की वैक्सीन का रीकॉम्बिनेंट वर्जन Covishield, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियरा इस टीके का फेज 2/3 ट्रायल कर रहा है।
-कोविड-19 वैक्सीन पोर्टल हो चुका लॉन्च
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने 28 सितंबर को कोविड-19 वैक्सीन पोर्टल लॉन्च किया था। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने यह पोर्टल बनाया है। इसपर लोगों को भारत में कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी जानकारी दिखेगी। धीरे-धीरे अलग-अलग बीमारियों की वैक्सीन से जुड़ा सारा डेटा यहां पर उपलब्ध करा दिया जाएगा। आप देख पाएंगे कि कौन सी वैक्सीन ट्रायल के किस स्टेज में है और उसके पहले के नतीजे क्या रहे हैं। ICMR ने यह पोर्टल भारत में होने वाली सभी वैक्सीन डेवलपमेंट्स से जुड़ी सारी जानकारी को एक जगह जुटाने के लिए बनाया है।
वैक्सीन के असर को लेकर जो डेटा सामने आया है, उसपर खास नजर रखी जा रही है। खासतौर से अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव को देखते हुए। गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार कह चुके हैं कि 3 नवंबर को मतदान से पहले एक वैक्सीन अप्रूव हो जाएगी। फाइजर के डेटा को इसलिए भी चैलेंज किया जा रहा है कि उसने ट्रायल में बेहद कम इन्फेक्शंस की सीमा रखी। Airfinity के एक एनालिस्ट के अनुसार, फाइजर ने 32 इवेंट्स की जो चॉइस है, अबतक की सबसे कम है और उसकी हर तरफ आलोचना हुई है। कंपनी के अनुसार, एक फेज-3 ट्रायल में चार अंतरिम एनालिसिस इससे पहले किसी वैक्सीन ट्रायल में नहीं हुए हैं
अमेरिका का फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) वैक्सीन को लेकर फैसला करेगा। उसकी एक बैठक 22 अक्टूबर को होनी है जिसमें संभावित कोविड-19 टीकों पर चर्चा होगी। फाइजर के अलावा दुनिया में कई वैक्सीन ऐसी हैं जिनके डेवलपमेंट पर सबकी नजरें हैं। इनमें Oxford-AstraZeneca की एडेनोवायरस वेक्टर सिंगल डोज वैक्सीन, मॉडर्ना की mRNA डबल डोज वैक्सीन, Sinovac की इनऐक्टिवेटेड डबल डोज वैक्सीन शामिल हैं।
वैक्सीन के लिए भारत की क्या हैं कोशिशें?
देश में वैक्सीन कैंडिडेट्स बनाने के अलावा सरकार दूसरे देशों में जारी वैक्सीन ट्रायल पर भी नजर रखे हुए है। प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के. वियजराघवन की अगुवाई में एक टीम कोविड टीकों को लेकर सारी अपडेट्स देखती है। इस टीम ने कई फार्मा कंपनियों से बात कर वैक्सीन प्रॉडक्शन की उनकी क्षमता और तैयारी परखी है। कोशिश ये है कि जैसे ही किसी वैक्सीन को ग्लोबल यूज की मंजूरी मिलती है, उसे भारत ले आया जाए। इसके लिए विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में हैं।
किसको पहले टीका मिलेगा?
हषवर्धन कई मंचों से कह चुके हैं कि कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होने पर सबसे पहले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलेगी। इसके बाद बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। फिर उपलब्ध डोज के आधार पर सबको टीका लगाने की कवायद शुरू होगी।
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