सोमवार, 27 जनवरी को भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने श्री राम मंदिर परिसर से पूजा अर्चना की और फिर बाजे-गाजे के साथ एक भव्य रैली निकाली। इस रैली में दोनों पार्टियों के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार, 15 पार्षदों के प्रत्याशी, पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए। रैली नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए नगर पंचायत कार्यालय पहुंची, जहां दोनों पार्टियों ने अपना नामांकन दाखिल किया।
भा.ज.पा. की ओर से क्षेत्रीय विधायक ईश्वर साहू, देवकर नगर चुनाव प्रभारी राजेंद्र शर्मा और परपोडी भाजपा मंडल अध्यक्ष नारद वर्मा ने विशेष रूप से रैली में भाग लिया। वहीं, कांग्रेस पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
यह चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प बन गया है क्योंकि बिहारी साहू की पत्नी पूर्व में नगर पंचायत देवकर की अध्यक्ष रह चुकी हैं, जबकि अजय अग्रवाल पूर्व उपाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। खास बात यह है कि बिहारी साहू पहले भाजपा से जुड़े हुए थे, लेकिन कुछ समय बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे।
इसी बीच, 28 जनवरी को एक तीसरे मोर्चे ने नगर पंचायत अध्यक्ष पद और पार्षद पद के लिए नामांकन दाखिल किया। यह मोर्चा वार्ड नंबर एक के सुरेश सिहौरे के नेतृत्व में है। सुरेश सिहौरे ने अपनी पूरी टीम के साथ श्री राम मंदिर परिसर से पूजा अर्चना की और रैली निकालते हुए नगर पंचायत कार्यालय तक पहुंचे, जहां उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया। भाजपा और कांग्रेस के मुकाबले सुरेश सिहौरे के नामांकन ने अधिक ध्यान आकर्षित किया, क्योंकि उनके साथ भारी जनसैलाब था और उनका नामांकन पूरी देवकर नगर में चर्चा का विषय बन गया।
अब तक, 28 फरवरी तक नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सात उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, जबकि पार्षद पद के लिए 66 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र जमा किए हैं। सुरेश सिहौरे, जो पहले कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे, अब स्वतंत्र रूप से अपनी पार्टी बना कर चुनावी मैदान में उतर चुके हैं।
नगर पंचायत देवकर का यह चुनाव अब बेहद रोचक और प्रतिस्पर्धात्मक बन चुका है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की रणनीतियों से यह चुनावी माहौल और भी गरमाएगा।
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सोर्स : रमेश जैन, देवकर
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