राम मंदिर शिलान्यास : कण कण में बसे हैं मर्यादा पुरुषोत्तम, श्रीराम के आदर्शों के साथ आगे बढ़ रहा है भारत : प्रधानमंत्री मोदी

VIDEO Ram temple: Maryada Purushottam is settled in every particle, India is moving ahead with Shriram's ideals



 अयोध्या। अयोध्या में राममंदिर के लिए भूमिपूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि श्री राम अपने आप में संपूर्ण है। उनकी दार्शनिक दृष्टि युगों युगों तक प्रेरित करती रहेगी। गरीबों दीन दुखियों पर उनकी विशेष कृपा रहती है। इसलिए माता सीता कहती है। जो दीन है जो दुखी है उनकी बिगड़ी बनाने वाले श्री राम हैं। भारत की आस्था में राम हैं, आदर्शों में राम हैं, संगठन में राम है। श्री राम के आदर्शों के साथ आज भारत आगे बढ़ रहा है।

 उन्होंने कहा, भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं। इसलिए अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का भी केंद्र रहा है। अलग अलग रामायणों में भगवान राम भिन्न भिन्न रूपों में मिलेंगे, लेकिन राम सभी जगह हैं राम सभी के हैं। इसलिए राम भारत में एकता में अनेकता के सूत्र हैं। न जाने देश के कितने छोर है जहां राम किसी न किसी रूप में बसे हुए हैं।

पीएम मोदी ने कहा, राम सभी के हैं। राम सब में हैं। मुझे विश्वास है कि राम के नाम की तरह ही बनने वाला मंदिर भारतीय संस्कृति कि विरासत का सबूत बनेगा। अयोध्या भगवान राम की अपनी नगरी है। अयोध्या की महिमा खुद भगवान राम ने कही है।

उन्होंने कहा, शास्त्रों में लिखा है पूरी पृथ्वी पर राम के जैसा नीतिवान शासक कभी नहीं हुआ। नर नारी सभी समान रूप से हो भेदभाव न हो। किसान पशुपालक सभी हमेशा खुश रहें। बुजुर्गों की बच्चों की चिकित्सकों की सदैव रक्षा होनी चाहिए। श्री राम का आह्वान हैं जो शरण में आए उसकी रक्षा करना सभी का कर्तव्य है।

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हमारा देश जितना ताकतवर होगा उतनी शांति बनी रहेगी। राम की यही नीति भारत का मार्गदर्शन करती रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इन्ही संदेशों से राम राज्य का सपना देखा था। जब जब हम भटके हैं विनाश के रास्ते खुले हैं। हमें सभी की बावनाओं का ध्यान रखना है। अपने परिश्रम की शक्ति से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है।

इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।

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