नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना आज अपना 88वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही है। इस बार एयरफोर्स के बेड़े में राफेल को भी शामिल किया गया है। राफेल के अलावा वायुसेना के कई अन्य लड़ाकू विमानों ने इस दौरान अपनी ताकत दिखाई। हिन्दुस्तान की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हमारी वायुसेना दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेनाओं में शामिल है।
इसने न सिर्फ युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे करने में अहम भूमिका निभाई है, बल्कि शांतिकाल में भी दुनिया की मदद करने में हमेशा आगे रही। आज 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना का स्थापना दिवस है और आज के दिन भारतीय वायुसेना आसमान में अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी। इधर, चीन के साथ भी सीमा पर तनाव जारी है, इस बीच अक्सर यह सवाल हर भारतीय के मन में आता है कि हमारी वायुसेना की ताकत चीन और पाकिस्तान के मुकाबले कितनी है।
दरअसल, भारत, चीन और पाकिस्तान की वायु सेनाओं की क्षमता में काफी अंतर है। भारत के पास राफेल के होने से भारतीय वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है। हमारे पास अब ऐसे लड़ाकू विमान हो गए हैं, जो पाकिस्तान और चीन की सीमा में घुसकर दुश्मन को मार गिराने की क्षमता रखते हैं। भारतीय वायुसेना की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर युद्ध में इसने अपने दम पर देश को जीत दिलाई है। आइए जानते हैं किसी कितनी ताकत है।
अगर कुल विमानों की संख्या की बात करें तो भारत के पास जहां 2123 विमान हैं, वहीं चीन के पास 3210 और पाकिस्तान के पास 1372 है। अगर अब विमानों को अलग-अलग कैटगरी में बांट दिया जाए तो लड़ाकू विमानों की संख्या में चीन सबसे आगे है। भारत के पास 538 लड़ाकू विमान हैं, जबकि चीन के पास 1232 लड़ाकू विमान हैं। पाकिस्तान इस मामले में काफी पीछे है और उसके लड़ाकू विमानों की संख्या महज 365 है।
इसके अलावा, भारत के पास 172 डेडिकेटेड अटैक वाले विमान हैं, वहीं चीन के पास 371 और पाकिस्तान के पास 90 हैं। ट्रांसपोर्टर के मामले में भारत (250), चीन ( 224) और पाकिस्तान (49) से भी आगे है। भारत के पास महज 23 लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं, वहीं चीन के पास 281 और पाकिस्तान के पास 56 है। हेलीकॉप्टर के मामले में भारत और चीन एक दूसरे के काफी करीब हैं। भारत के पास जहां 722 हेलीकॉप्टर हैं, वहीं चीन के पास 911 हैं। पाकिस्तान के पास मात्र 346 हेलीकॉप्टर ही हैं।
इसके अलावा, स्पेशल मिशन वाले विमानों की संख्या भारत में 77 है तो चीन के पास 111 है। पाकिस्तान के पास स्पेशल विमान मात्र 29 ही हैं। वहीं प्रशिक्षण विमान के मामले में भारत (359) चीन (314) से भी आगे है। हां, इस मामले में पाकिस्तान सबसे आगे 513 पर है। बता दें कि ये सभी आंकड़ें ग्लोबल फायर पावर से लिए गए हैं।
0 Comments
अपना किमती समय देने के लिये
धन्यवाद